लाल रंग से बना सिंदूर,
इसकी महत्वता जानो तुम ज़रूर,
गाड़ा रंग औरत का गहना,
फिर पड़े क्यूं उसको सहना,
माथे का ये तिलक लगाए,
फिर भी औरत पिटती चाहे,
लाल सिंदूर, लगाए साथ है अाई,
जिसकी भरपाई, लाल खून से हो पाई,
साथ देने का बोला था सच,
कहां है अब वो सारे वचन।।
- पूजा गौतम
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