मेरे लिए थी तू जैसे पुरानी शराब
नशा ही नशा मदहोशी बेहिसाब
आज भी याद मुझे जैसे पहला वह गुलाब
बातें मीठी मीठी तेरी अंदाज लाजवाब
धीरे-धीरे करके पर तू दूर मुझसे हो गई
राते रंगीन से अब अंधियारी सी हो गई
आंखें मेरी रो रो कर थक हार कर सो गई
इश्क की कहानी देखते देखते पूरी हो गई
गम ढेर सारे पर मैं यह सोच कर सह गया कि
गलती नहीं तेरी शायद मेरी किस्मत ही खराब
अकेला दिल ही नहीं टूटा मेरा टूटे सारे ख्वाब
-