बहुत सुन लिया हमने तुम्हारे बहानों को, सुनो अब तुम आओगे या नहीं, अब ये जानने की तलब नहीं। सोच लिया हमने भी, तलाश लेंगे , इस मन बावरे के खातिर जन्नत कहीं।
वक्त बहुत लम्बा था , किसी तरह गुजर गया , जिन्दगी ने , मौत से सामना करा के फिर से बुला लिया , तड़पता था आप से बाते करने को, लेकिन , किस्मत तो देखो, रुला कर फिर से हसँ दिया ,,,,,,
To return to yourself is where your journey ends, but you end up searching lifeboats in the sea forgetting 'you' are the harbour you are supposed to reach.