मुझे पता है तुम मेरे नहीं, पर मैं तुम्हे अपना बनाना चाहता हूँ।
तुम्हे खोने का एहसास है, इसलिए तुम्हे पाना चाहता हूँ।
अवसरवादिता के इस दौर में, एक अवसर मैं भी पाना चाहता हूँ।
गर जा सकता अतीत में वापस, तो कुछ बदल के आना चाहता हूँ।
अपने खालीपन को मैं, तेरे होने से मिटाना चाहता हूँ।
था मुझसे तुझको मोह नहीं, क्यूं मैं जाताना चाहता हूँ।
मन तो कब का माना है, दिल की चलाना चाहता हूँ।
मुझे पता है तुम मेरे नहीं, पर मैं तुम्हे अपना बनाना चाहता हूँ।
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