तुम चले आना
सुकून के लफ्ज़ कहे तुम्हे, कई लम्हे हो गए |
दो बातें बढ़ी, लो आज हम तन्हा हो गए |
कहीं तकरार और ना बढ जाए, तुम मिटा देना |
हम ताक रहे तुम्हारी ही राह, तुम चले आना |
दूरियाँ ज्यादा हो तो रिश्ते, मुरझा जाते हैं |
थोड़ी सी उलझन को, और भी उलझा जाते हैं |
दो लफ्ज़ मीठे से बोल, तुम सुलझा देना |
हम ताक रहे तुम्हारी ही राह, तुम चले आना |
तुम खास हो, तुम्हे हम, खोना नही चाहते |
फिर उस गलती के पछतावे से, कभी रोना नही चाहते |
और कितनी बार कहें, अब हमारी ख़ता भूला देना |
हम ताक रहे तुम्हारी ही राह, तुम चले आना |
थोड़े तीखे ही सहीं, पर हम अच्छे हैं जी |
तोड़ेंगे नहीं भरोसा, इतने सच्चे हैं जी |
कहीं अफसोस ना हो, तुम कहती रहो पर हम रहे ना |
हम ताक रहे तुम्हारी ही राह, तुम चले आना |
Pritam Singh Yadav
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