पिता
बच्चों की आन, बान, शान हैं पिता,
ये दुनिया ये जहाँ हैं पिता।
माँ से अधिक नहीं तो कम भी नहीं,
बच्चों के अभिमान हैं पिता।
बाहर से कड़क अन्दर से नरमदिल,
बच्चों पर जान लुटाते हैं पिता।
माँ ममता की सागर तो,
साहस का दरिया हैं पिता।
बच्चों की हर ख़्वाहिश को,
पूरा करने का जरिया हैं पिता।
हर डगमगाते कदम पर साथ निभाते हैं,
दिखाते नहीं पर प्यार का अथाह सागर हैं पिता।
माँ है भगवान से बढ़कर,
तो पिता भी है माँ के समान।
दोनो हैं अपने बच्चों की जान,
माँ और पिता का करें हमेशा सम्मान।
माँ और पिता का करें हमेशा सम्मान...
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