बन्दिशें रूह की,
मुहब्ब्त में तू, नफरत में भी तू, सो जाउं तो तू, जग भी जाउं तो तू, बातों में तू, खयालों में भी तू, खुशियाँ हों तो तू, मेरे गम में भी तू, चौराहों पर तू, खामोशियों में भी तू, सांसों में तू, हर धड़कन में तू।
कहां-कहां से बेदखल करू तुझे, मेरे अक्स में भी तू ही तू।
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