|| कीमत ||
कीमत तो जूते की होती है,
फ़ीते की तो नहीं,
हैंडल तो सूटकेस के साथ संलग्न होता है,
पृथक...कोई मोल नहीं,
कुंडी दरवाज़े की तो फिर भी देखी जाती है,
खूँटी...कभी नहीं....
ऐसा ही तो रहा है हमेशा से,
ढोने वाला हमेशा ही से रहा है...
छोटा, तुच्छ, मूल्यहीन और महत्वहीन....
तब तक ही, जब तक वो.....
टूट ना जाये
-