QUOTES ON #RAUSHANGANGADHARJHA

#raushangangadharjha quotes

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6 JUN 2020 AT 10:15

तुम जहां भी जाओगे तुम्हें पढ़ाई की चीज ही रहेगा

लेकिन यह डिपेंड आपकी नजर पर करता है,
कि आप अच्छे चीज देख सकते हो या
बुरे चीज।

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24 AUG 2021 AT 19:41

मिलना चाहता हूँ मैं अभी नहीं पर एक वक़्त के बाद जरूर
जब तुम्हें किसी के खोने का मेरा होने का अफसोस ना हो
मैं बिछड़ने के सरहद पर तुमसे फिर मिलना चाहता हूँ
कल्पनाओं की लहरों से पार होकर वस्तविकताओं के किनारे पर तुमसे मिलना चाहता हूँ मैं ।

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13 NOV 2018 AT 9:45

खामोशी के बीच
गूंजता एक शोर हूं मैं
बाहर कोई और
जो अंदर क़ैद है वो हूं मैं
तुम्हारे सारे सवाल मुझमें बंद हैं
जो बोलता कोई और है
जो चुप रहता वो हूं मैं
इस जंग-ए-ज़िन्दगी के सदके
बस एक बात कहनी है
जो जीतेगा वो कोई और होगा
जो हार रहा वो हूं मैं
सफलता आएगी क्या खूब आएगी
जो मंज़िल तक पहुंचेगा कोई और होगा
जो छूट रहा वो हूं मैं
दुनिया की खुशियां किसे प्यारी नहीं रौशन
पर जो अपनी खुशियों में
दूसरों के गम से रोएगा वो हूं मैं
जो जीते जी आए दिन मरता रहता हूँ
मरने के बाद जो जेहन में जियेगा
वो हूं मैं।

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8 JAN 2020 AT 11:23

छूट जाता है जिन बच्चों का बचपना हो जाना होता है जिन्हें वक़्त से पहले बड़े
जिंदगी के कई मोड़ पे उन्हें दिल करता है रूठ जाने का सबकुछ छोड़ देने का जैसे उस दौर में सबकुछ छोड़ देना ही गुस्सा हो जाने से ही मुक्ति मिल जाती थी सारे मुसीबतों से
मगर ये आदत जो लग जाती है बड़ा समझने की खुदको या जरूरत बड़े बन के ही रहने की
ये उन्हें रूठने नहीं देती छोड़ने नहीं देती टूट जाने पर भी वो उठ खड़े होते हैं सबकुछ जोड़ने के लिए
थक कर आज फिर चूर सिफारिश करते हैं ये अपने कल से
ये बच्चे जो बड़े हो गए हैं बचपने में लौट जाना चाहते हैं फिर से

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27 OCT 2019 AT 22:43

आज फिर सदियों बाद नज़र आया वह दिया जिस दिए की रौशनी हमें रौशन करती थी..
और एक बार फिर जाने अनजाने वो दिया हमे फिर से रौशन कर गया❤️🌹🖤

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27 FEB 2019 AT 1:01

मैंने चूड़ियाँ क्यों नहीं लाई, नाराज़ थी वो इस बात से,होना भी था उसने सौ दफे मुझे याद दिलाई थी घर पहुँचते कहती है कहाँ है चूड़ियाँ ???
मैं कुछ नहीं कह सका सिवा आगे बढ़ने के, तुम्हें फिक्र नहीं है ना मेरी,तुम कुछ नहीं समझते हो ना मुझे, तुम सुनते क्यों नहीं मेरी,चूड़ियाँ क्यों नहीं लाए मैंने कोई सोने के कंगन तो नहीं मांगे थे ना बस काँच की चूड़ियाँ ही उसने एक सांस में सब कह दिया ।
कैसे समझाता उसे कि सब सुनायी देता है सब सुना याद है तभी याद है ना मुझे मेरी माँ की टूटी चूड़ियों की आवाज सूनी उस कलाई की चींख...
कभी हर दिन बदलते अलग अलग रंगों की चूड़ियों से घर की साज़ बजती थी, मेरे घर की पूजा और आरती की आवाज, मेरे घर के खुशियों की वजह वो आवाज होती थी एक दिन के उस टूटे चूड़ियों की आवाज से मुझे चूड़ियों की खनक से डर लगने लगा है, मैं चूड़ियाँ नहीं खरीद सकता चूड़ियों से भरी कलाई मुझे मेरी माँ की उजड़ी दास्तान याद दिलाने लगती है, माँ जब बहोत खुश होकर मेरे सर को सहलाती है तो छन्न से ना बजने वाली उसकी कलाई मेरे खुशियों को मातम बना देती है
मैं चूड़ियाँ नहीं ला सकता, चूड़ियों की आवाज मुझे अब वीरान किसी हवेली की डरावनी आवाज सी लगती है।

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23 NOV 2020 AT 20:38

हो रास्ते मुश्किल रख मेरी हथेली पर पाँव चलो
तुम बस साथ चलो हाथों में लिए हाथ चलो

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5 JUL 2019 AT 12:49

जीने का सलीका सीखा गई मुझे
वो नासमझ सी एक लड़की

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25 DEC 2018 AT 13:06

सुनसान, कच्ची, अंधेरे रास्तों से भी चलके अपने घर तो जाता था
नए शहर के प्रवेश ने मेरे पुराने गाँव का भूगोल ही बदल दिया।

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19 DEC 2018 AT 13:15

Papa often threw me up towards sky and grabbed tightly when
falling down

This is How he taught us to fly in the sky but never forget to make foundation strong

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