Ranjan Singh 7 FEB 2020 AT 19:48 परिंदे की ये कैसी रिहाई है? वो उड़ना भूल गया तब सलाखें हटाई हैं। - Ranjan Singh 4 MAY 2020 AT 13:30 मेरा एक दोस्त बीमार है,हाँ वो एक पत्रकार है।मुद्दे समाज के सारे भूल गया है वो,ना जाने कौनसे स्कूल गया है वो? - Ranjan Singh 15 MAY 2020 AT 11:04 Tumhari Mehfil me shareek nhi to kya,Tumhari Tanhai me ab bhi hum hi rehte hain! - Ranjan Singh 9 MAY 2020 AT 8:41 हर सुबह की ताज़गी में चाय थामे तुम मिलती हो,ये सुकून नहीं तो और क्या है! बालकनी से आती हवा से जुल्फ़ तुम्हारी लेहराती जो,ये सुकून नहीं तो और क्या है! - Ranjan Singh 6 MAY 2020 AT 12:38 भी क्यों मिलना? जब साथ चलना नामुमकिन हो। - Ranjan Singh 7 MAY 2020 AT 10:13 चाय का नशा शराब से कहीं ज़्यादा है, शायद इसलिए चाय की दुकान बंद रखने का उनका इरादा है! - Ranjan Singh 10 SEP 2020 AT 17:23 Talve pe rach gaye hain raaste mere, Manzil se ishq me hota bhi yehi hai.तलवे पे रच गए हैं रास्ते मेरे, मंज़िल से इश्क़ में होता भी यही है। - Ranjan Singh 3 MAY 2020 AT 13:15 एक प्याली ढूंढती है। - Ranjan Singh 7 MAY 2020 AT 13:05 बस यह एहसान करो, जिंदगी खूबसूरत है बस उसका गुणगान करो। - Ranjan Singh 14 MAY 2020 AT 12:10 Mehfil to adrak ne loot rakhi hai, aur hum Chai ko badnam kiye baithe hain😀🙏 -