अब और इंतज़ार हमसे नहीं होता, आंसू हो गए खत्म रोते हैं जब आंखें में पानी नहीं होता, ना आता है चैन कहीं एक पल भी हमारा दिल नहीं सोता, काश ये मोहब्बत ना होती आज खुशियों में जीता ऐसे ना रोता।
यादों का पुल मोहब्बत में डूबा करता है मनमानी दिल है हमारा के मानता नहीं, कितनी वार है कोशिश करी मैंने कि मैं तुझ को कभी जानता नही, भूल जाऊंगा तुम्हे और तुम्हारी यादों को लगता था मगर इतना आसान तो नहीं।