Rahul K 15 MAY 2018 AT 17:38 नमक सी होती हैं बहू ....और बेटियां चीनी सी.... - Rahul K 6 MAY 2018 AT 16:35 ख्व़ाहिशों और हकीक़त के बीच झूलती रही ज़िन्दगी ......जिम्मेदारियों के आगे ख़्वाब मसकते रहे एक उफ्फ तक ना हुई..... - Rahul K 5 JUN 2018 AT 10:13 सबसे घुलते मिलते रहे , तो काट दिए गए...गमलों ने हदे तय की, फिर घर में आसरा मिला... - Rahul K 5 JUN 2018 AT 20:20 ऐ चांद ज़रा देर से लौटना .........अभी ईद के लिए तैयार नहीं हम..... - Rahul K 31 MAY 2018 AT 8:31 उबासी लेती लिखावटें,शब्द भी अब अर्क नहीं बटोरतें....कितना निचोड़ू एहसास मैं,फिर भी मुझसे बात नहीं करतें.... - Rahul K 17 JUN 2018 AT 9:57 ख़्वाबों की जेब काटकर दिन रात एक करता है वो....जूते हैं फटे ये भूल कर पैरों के छालों को नजरंदाज कर जाता है वो.... - Rahul K 3 JUN 2018 AT 11:01 जो गुम हो गये हैं कहीं जीस्त के मेले में...फ़कत...उन्हें आसुओं में खंगाल के देख लेता हूं... - Rahul K 2 JUN 2018 AT 19:35 एक अरसा हुआ रूह में किसी को शरीक किये....अब रात होते ही अक्सर हम शामें बुझा दिया करतें हैं.... - Rahul K 13 DEC 2018 AT 18:00 वो जो फिसले होंगें ख़्वाब, कहीं तो गिरे होंगें...वो जो थी जिम्मेवारियां,दोनों कहीं तो लड़े होंगें... - Rahul K 8 MAY 2018 AT 18:23 नहीं भूल पाया तुमको....ऐ सांझ....दिन छोड़ कर आ जाता हूं मिलनें..किसी चकोर की तरह -