मां की ममता से ही दुनिया ने ,
प्रेम का रंग सीखा है,
तेरे जसबातों के आगे,
दुनिया का रंग फीका है ,
तू चलता चल पद राहों पर,
जीवन का यही तरीका है ।
दुनिया की सब बातें तो,
तेरे मुंह का मुसिका है,
छोड़ दे उस ज्ञान को ,
जो तूने धोखेबाजो से सीखा है,
चलता चलता पद राहों पर,
जीवन का यही तरीका है।
छोटे-बड़े का भेद न कर ,
जीवन का यही सलीका है,
इस दुनिया से अलग-थलग ,
बन्ना तुझे मसीहा है ,
तू चलता चल पद राहों पर,
जीवन का यही तरीका है।।
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