QUOTES ON #QUOTEBLADDER

#quotebladder quotes

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22 APR 2018 AT 20:47

Your absence is the
presence of your
love,
It's the only time
When I think of us
as a two loving
dove.

When you're around
I feel like a caged
queen,
But for now
It's me and your love
and no one in
between.

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31 OCT 2017 AT 22:41

जन्म लिया था नाडियाड में पर पूरे भारत में प्यारा था
बालक था वल्लभ पटेल वो जो सबकी आंख का तारा था

जब सोता था सारा भारत तब ये बालक जागता था
आजादी पानें की खातिर मन में सपनें पालता था

उनमें ऐसी प्रतिभा थी जो कभी न छुपनें वाली थी
राष्ट्रभक्ति और एकता उनमें बड़ी निराली थी

था नाम मिला सरदार का उनको जो सर्वोच्च उपाधि थी
सब रियासतों को मिला उन्होंने प्रतिभा की झलक दिखा दी थी

थे साधारण से इंसान किंतु किए ऐसे कुछ काम
मृत्यु बाद भी याद आए वो और मिला रत्न भारत सम्मान

उनके जैसा नेता अब कौन कहाँ से पाएगा
उम्मीद में हम सब बैठे हैं
बन लौह पुरुष सरदार पटेल क्या कोई राह दिखाएगा

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5 MAR 2018 AT 10:11

कल अगर कोई तुमसे पूछे
कि कौन थे हम?

तो कहना , सच्चे लव्जों के दौलतमंद
और दिल के थोड़े अमीर थे हम!

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19 NOV 2017 AT 8:00

धुंध हर तरफ छाई है
फिर इश्क़ ने ली अंगड़ाई है

नियम नही चलता इसमें कोई
देता सबको तन्हाई है

हर दिल को दर्द ये मिलता है
पड़ती सहनी ये जुदाई है

मेरी मानो इश्क़ न करना
इससे भली रुसवाई है

कदम-कदम हर शख़्स को मिलती
इसमें बस बेवफाई है

बचना चाहा हमनें भी पर
ये कैद में हमको लाई है




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7 APR 2020 AT 20:55

Different !But
Not like others
And not like anything ,
But ,is indeed different .

Thinking ,wandering ,
Caring and feeling for anyone ,
Not the businesses of one's own ,
Not the formality .

Spontaneously comes out
With emotion and pity .
Only from one's heart ,
That's love not hatred .

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14 FEB 2018 AT 7:55

I will stop, writing for you
but reading you
shall be continued.

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23 FEB 2018 AT 15:22

Friendship is like elastic band,
flexibility at every corner,
sometimes moves apart from each other,
but resumes its normal shape spontaneously after being stretched or compressed .

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1 JAN 2018 AT 23:01

धुन्ध का लिबास ओढ़े
उतर आई जो सर्दियाँ
ओस की बूँदों पर छाई
बर्फ़ की सरगोशियां
राह भी धुंधला पड़ा है
धूप मद्धिम पड़ गई
चाँद आवारा ही निकला
जो चांदनी बिछड़ गयी
ये अचानक जनवरी में
जून का अहसास क्यों
मखमली लिबास ओढ़े
जो तू अचानक आ गई

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4 DEC 2019 AT 8:49

সকালে আশার আলো দেখি
মায়াবী ভোর আলো থেকে... !
আজও অপেক্ষায় আছি ,
তোমায় পাবো এই হৃদয়ে..!
ভাবিতে ভাবিতে রজনী হয় ,
রজনীর পরে ভোর...
এই জীবন ছিন্ন হলেও
রয়ে যাবো আমি তোর...!

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28 FEB 2018 AT 23:38

तेजाब फरेब का मुझपे वो ऐसा छिड़क गया..
जल गया दिल फिर दुबारा मोहब्बत का कोई फूल ना खिला..

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