मैं चुपचाप बैठता हूँ
और अपने आसपास की दुनिया को देखता और सुनता हूँ।
यह सीखने में समय लगा है।
ऐसा लगता है कि केवल सब लोग
एक दूसरे के बगल में बैठने में और बातें करने में सक्षम हैं
क्योंकि यह लोगों को एक साथ खींचता है
इससे वह संतुष्ट महसूस करते हैं।
किन्तु मेरे जैसे व्यक्ति के लिए यह व्यर्थ है,
मौन शुद्ध है। .....
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