एक छोटी सी ख्वाहिश है
कहो ना, पूरी करोगे?
मुझे सुकून मिलता है बातों से तुम्हारी,
कहो ना, मुझसे अपना वक्त साझा करोगे?
मैं जो गुमसुम हो जाती हूँ,
तुम ले आते हो मेरी मुस्कुराहट वापस,
कहो ना, यूँ ही हर रोज,
मेरे मुस्कुराने की वजह बनोगे?
यूँ तो बहुत मुश्किल है,
ये जिंदगी का सफर,
कहो ना, तुम मेरे हमसफ़र बनोगे?
इतनी सी तो ख्वाहिश है मेरी,
कहो ना, तुम इसे पूरा करोगे?
-