मैं तुझसे उखड़ी उखड़ी बातें करता हूं।
तुझे शायद अंदाजा नहीं, मैं तेरा हमेशा ख्याल रखता हूं।
तू जमाने की ख्यालों का हिस्सा ना बन जाए।
इसलिए तुझे अपनी आंखों में संभाले रखता हूं।
तुझे नजर ना लग जाए किसी की।
तभी तुझे कपड़े के पल्लू में छुपाए रखता हूं।
यह जहां धूप में जलता बीहड़ है।
आ हाथ पकड़कर तेरा साया बनकर चलता हूं।
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