QUOTES ON #PRASHNA

#prashna quotes

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11 JUN 2017 AT 0:15

From the innocent me to the mean you where did we miss the intermediate stage?

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23 DEC 2019 AT 21:42

जो यूं होता कि इम्तहान के हर सवाल में जिक्र तुम्हारा होता,
फ़िर अख़बार के पहले पन्ने पे एक तस्वीर हमारा होता......

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सामने दर्पण था,फिर भी खुद को नहीं देख पा रहे थे हम,
हम कौन है,हमें खुद नहीं पता,यही जानने के लिए दर्पण में खुद को देख रहे थे हम,
नहीं थे हम औरोंं जैसे, उन जैसे क्यों नहीं है हम,यही जानने के लिए खुद को दर्पण में देख रहे थे हम,
दुनिया जैसा देखना चाह रही थी,वैसे ही दिख रहे थे हम,पर क्यों खुश नहीं थे हम, यही जानने के लिए खुद को दर्पण में देख रहे थे हम,
दर्पण कभी झूठ नहीं बोलता,पर उस ने भी हम से कुछ छिपाया,क्या छुपया यही जानने की कोशिश कर रहे थे हम,
जब जानी अपनी सच्चाई,तो निशब्द हो गए थे हम,
तब भगवान से पूछा ऐसा क्यों बनाया हमें,
दर्पण से पूछा,तुमने क्यों ये सच छिपाया हम से,
दर्पण ने कहा,मै बोल नहीं सकता,इस लिए नहीं बताया,पर दिखाया था तुझे तेरी सच्चाई,पर समझ नहीं पाये तुमलोग मुझ से,
जान अपनी सच्चाई,बहुत अकेले हो गए थे हम,
पर आप के साथ ने,बल दिया है मुझे,
दिया है मुझे एक नया जीवन,
धन्यवाद,आप सभी को जिस ने मुझे संभाला है,
मेरे दुःख के घड़ी में मुझे अकेले नहीं छोड़ा है।
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

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5 JUN 2020 AT 18:56

*लोकतंत्र दो प्याजा*

यहाँ प्रश्नों के आवरण से प्रश्न ही निकलते हैं।
यह हमारा लोकतांत्रिक प्याज है!
प्याज की परतें खोलोगे,
तो प्याज ही पाओगे।
पर प्याज नहीं मिलेगी।
हाँ! अश्रुओं की संभावना सर्वथा बनी रहेगी।

*कविता अनुशीर्षक में पढ़ें*

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17 APR 2022 AT 9:22

आप में घमंड है क्या ?

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11 JAN 2019 AT 9:26

Reppalaarpakunda chudalanipinche rupanni......
Pedhavi daatani maatani......
Manasuni bandhinche madhuranubhuthini......
Sravyaanga vinalanipinche swaranni.....
Venta nadiche needani......
Inthaki nenu evarini......cheppagalara na jaadani......

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16 JUL 2020 AT 2:40

तू छोड़ गया था जो जवाब देकर,
वही प्रश्न बनकर रह गई हूं अब।।



-Lotus 💎

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3 JAN 2020 AT 16:49

पाहिजे का तुला सुंदर परी,
जिच्या हास्याने नवचैतन्य उमलते,
अन चहूकडे सदैव बरसतात सुखसरी ?
प्रश्नावर देवाच्या माणसास उमगते,
किमयागार तशी मुलगीच माझ्या घरी !

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13 MAY 2020 AT 23:59

फिर लौट आया तू
घूम कर सारी बस्ती
मिला कुछ ? स्वांग के सिवा
यहां तहजीब भी है बिकती सस्ती

है अंकुश अभिव्यक्ति पर
धूमिल आभाहीन है सत्य विमल
कहां है वो संवेदनाओं का तेजस उर
ढूंढ़ पाना है भीड़ में आज विरल

ना भाव बचे और ना ही सत् कहीं
कलुषित मन: पटल उद्विलित दृष्टिराशी
खोज कहां से शुरू की जाए
जब शुरूवात पर ही छाई हो घोर निशी


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12 JUN 2017 AT 14:57

నువ్వు ఎంతగా కాదంటున్నా నీకోసం ఎందుకిలా పరితపిస్తున్నాను... ఏ.. నాకు ఆత్మగౌరవం లేదా.! లేక వేరే ఏ అమ్మాయికి నేను నచ్చననా..!
నీ విషయంలో నాకొక ప్రశ్న ఎదురైంది...
ముందుకు సాగడమా.? లేక ఆగి వెనుదిరగడమా..??
అవును నాకు ఆత్మగౌరవం ఉంది.. నువ్వు అనుకునే దానికంటే కొంచెం ఎక్కువే ఉంది..
నా ఆత్మగౌరవం నన్ను ఆగిపొమ్మని చెప్తుంటే నీపై ప్రేమ నన్ను ముందుకు సాగమని చెప్తోంది...
నేను రెండోదారిని ఎంచుకున్నాను.. ప్రేమదారి...
నీపై నాకున్న ప్రేమ ముందు నా ఆత్మగౌరవం చాలా చిన్నదని అర్థమైంది..

అందుకే నువ్వు నన్ను కాదనుకున్నా...
నీకోసం నేను వేచిచూస్తున్నా...
ఎంత నువ్వు నన్ను దూరం చేసుకున్నా...
నీతో కలిసే నేను బ్రతకాలనుకుంటున్నా...

ఇది తనకి రాసిన లేఖ...

ఇప్పుడు ఎదిగిన నేను అనబడే నిన్ను,
ఇప్పటి నేను అడగాలనుకుంటున్న ప్రశ్న ఏంటంటే....!!???

ఇప్పటికీ నువ్వు తనకోసం వేచిచూస్తున్నావా...???
లేక నిన్ను ఎందుకు వదులుకున్నానా అని తను బాధపడేంత స్థాయికి నువ్వు ఎదిగావా..???

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