तू मेरी मुहब्बत है
तू मेरी चाहत है
तू ही तो इस दिल की राहत है
तेरी आँखों के जादू में
हम रहते है यू खोये
जैसे कोई यादों में
रहता रूबरू है
तू ही मेरी पहली खावाहिश
तूने की है दिल से साजिश
तूझे पाने की खातिर
दिल कर रहा आरजू है
कभी एक नजर तो तु भी देखे
कभी ये तो तु भी समझे
जिंदगी में बस एक तु ही मेरी जुस्तजू है
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Kyu yarr?
Ham kisiko iskadar apna bana dete he
Kyu yarr?
Ham kisise itna lagav laga lete he
Kyu yarr?
Ham sub jante hue bhi unse pyar krte he
Kyu yarr?
Hame pata he anjam fir bhi
Vo waade or kasame dete he
Kyu yarr?
Hame juda to hona hi he fir aj u hath pakadne ka kya fayda
Kyu yarr?
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वह मनहूस रात
ख़ुशी से नम हो गई आंखें बुरी करनी को मिला करारा जवाब खबर कुछ ऐसी आईं आज सुबह कि शिकारी
खुद हों गए शिकार उस मनहूस रात के साए में किया था
तुमने ऐसा पाप लाओ कोई कानून ऐसा कऱो कुछ ऐसा उपाय रूह कांप जाए उस दरिंदों की जिसके मन में
आए ऐसा ख्याल कोशिश कर एक ऐसा समाज बनाएं जिससे कोई भी बेटी न घबराएं दुआ है जब भी
अखबार ख़ोलू ,, बलात्कार की खबरें न आए ,, बलात्कार की खबरें न आए-
कुछ सपने ऐसे होते है
कुछ अपने ऐसे होते है
ना अपने अपने से होते है
ना ही सपने सपने से होते है-
मासूम परिंदे। मासूम परिंदों से इन्सानों मत छीनो उनका आकाश। थोड़ा सा आनंद तुम्हरा पड़ता है पक्षी पर भारी।
जीवन के बदले खुशी कैसी है ये सोच तुम्हारी मत छीनो मासूमों से उनका प्यारा नील गगन।
दया भाव लें आओ मन में फूलों सा महकेगा मन। पंछियों के कलरव का जब गूंजेगा मधुर संगीत। सच कहते हैं हों जायेंगी तुम्हें जीवन से सच्ची प्रीत-
अपनेपन की तालाश में। । अपनेपन की तालाश में मै।
अपनो को ही ख़ो बैठी कुछ रिश्ते थे नाम के उनसे भी। हाथ धो बैठी। सब रिश्ते मतलब के है किस किस। का जिक्र करूं हर रिश्ता एक समझौता है किस किस का फिक्र करूं रिश्तों की अहमियत को पहचानिए इन्हें। इतना भी सस्ता न जानिए अगर यह रिश्ते टुटे तो।
टुट जायेंगे हम फिर इन रिश्तों की कमी को। नहीं मिटा पाएंगे हम रिश्तों को धोखे और फरेब से मत। सीचिए इन्हें विश्वास के आंचल तले पनपने दिजिए फिर जीने का देखिए कितना मज़ा आएगा हर। पल मिलने वाले रिश्तों के दर्द से छुटकारा मिल जाएगा
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मां छुटा जो मां का आंचल खुशियां भी हमसे छुट गयी
मन के इस जहान में खुशियां भी हमसे रूठी गई। ग़म की एक परछाईं भी हमको न छु जाए हमें आंचल में घुमाती थीं और खुद वो आंसु बहाती थी
आंख जो मेरी भर आए तो दिल ही दिल में ऱोती थी बेचैनी मुझको होती नींद उसकी उड़ जाती थी
न जाने कितने प्यार को हर खुशियां हम पर वार करे वो देवी की मूरत है हर पल मेरी जरूरत है।
मैंने उसको पूजा है उसके सिवा न कोई दूजा है-
इंसान ख़ुद इंसानियत से अनजान बैठा है
पता नही कब से बना हैवान बैठा है
करा के ख़ुद की गुलामी ख़ुद इंसान से
खुद को वो समझ महान बैठा है
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होड़ लगी थी दुनिया में शर्त सभी को पता था कुछ दो शब्द ही लिखना था सबके मन को जितना था मैंने भी थोड़ा सोचा मन बहुत बिचार किया फिर झट से ✒️ कलम उठाई और 🌺बेटी🌺लिख दिया
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