किस्मत की चाल से लाचार हूँ मैं
बदनसीबी की जाल में फंसा हूँ मैं
हालात की बंदिश में जकड़ा हूँ मैं
वक़्त की रंजिश में अकड़न हूँ मैं
गरीबी की चादर में लिपटा हूँ मैं
भूख की आग में एक तड़प हूँ मैं
जिम्मेदारी की बोझ में पलता हूँ मैं
सूखी रोटी की झोंक में भकटता हूँ मैं
पुराने कपड़े में खुद को संवारता हूँ मैं
नये चीज़ो की जिद्द नहीं करता गरीब हूँ मैं
Lafzo_ki_siyahi✒
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