खाली पड़े बन्द कमरे खोल के देख लो
यकीन न हो तो खुद तोल के देख लो,
अब चीखें कमरों के बाहर नहीं आती,
शर्म आये तो घर से डोल के देख लो।
दरारों से आवाज भी अंदर नहीं जाती,
फिक्र हो तो खुद बोल के देख लो।
हैवान उसे पूरी रात सोने नहीं देते,
कभी दर्द हो तो खिड़की खोल के देख लो।
गन्दे तालाब में जलकुंभियों की तरह रहते हैं,
न मानो तो खुद टटोल के देख लो।
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