QUOTES ON #POLUTION

#polution quotes

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24 SEP 2019 AT 16:44

सांस देने वाला शजर, बूढ़ा हो गया बिन पानी,
सूखते ही बेश़र्म सब लकड़ियां काटने आ गएं !!


سانس دینے والا شجر, بوڑھا ہو گیا بن پانی کے..
سوکھتے ہی بے شرم سب لکڑیاں کاٹنے آگئے !!

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1 FEB 2019 AT 9:58

To admire the wonder of nature,
To frame the beauty of the place,
To live the moment to the fullest,
Because next time we visit,
It won't be the same...!!!

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27 MAY 2021 AT 23:08

This picture says more than 1000 words.

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17 SEP 2021 AT 0:18

ಹಬ್ಬದ ವಾತವರಣ ಎಂದರೇನು..?,
ಡಬ್ ಡಿಬ್ ಎಂದು ಶಬ್ದಮಾಡಿ
ಹೊಗೆಯಾಡಿಸುವುದೇ🤔..
🤧🙄😕

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9 OCT 2020 AT 7:38

नदियाँ, पहाड़, हवा, पानी सब बेजार कर रहे हैं, वो कह रहे हैं आने वाली पीढी का भविष्य बना रहे हैं l

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◆ पुनर्जन्म ◆
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सोंचता था,एक बार फिर से पृथ्वी पर आऊंगा,
कुछ काम थे अधूरे ,उनको भी पूरा कर जाऊंगा,
पर देख ऐसा नजारा दिल थम सा गया है,
जहां कल तक हरियाली थी आज बंजर सा हो गया है।

प्रदूषण की मार पड़ी है,जगह जगह बस हिंसा है,
प्रजातंत्र का बना मजाक,संसद में हो रहा जलसा है,
देख इंसान की चीख पुकार,मैं भी दहशत में रहने लगा हूँ,
अरे क्या बताऊँ यार,
अब मैं भी पुनर्जन्म से डरने लगे हूँ।

16 साल की ग्रेटा भी ,
समझती है पर्यावरण को,
खोपड़ी तोड़ दो डोनाल्ड ट्रम्प की
समझ नहीं आ रहा उसको,
हॉन्गकॉन्ग मैं त्राहि त्राहि,ये कैसा अत्याचार है,
मानवाधिकार की बात करे हो,
तो फिर महिलाओं को क्यों कम अधिकार हैं।
देखकर ये कर्मो-कांड ,मैं भी हिल सा गया हूँ,
सच कह रहा हूँ,
अब तो मैं भी पुनर्जन्म से डरने लगे हूँ।


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28 AUG 2019 AT 8:45

Our Health is being good bye Green Tea
So make the Health good of the Earth by Green Tree

😊😊

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24 SEP 2019 AT 19:28

साँस देने वाला पेड़ अब सूख चला है
इसकी मुरझाने की वजह भी हम ही तो बने
छाव भी दे गया ये हमें जिंदगी भर
अब ले जाओ लकड़िया भी चुन चुन के
राख बनने की वजह भी हम ही तो बने

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3 NOV 2019 AT 20:00

दिल्ली की आवोहवा हो गई अब इस क़दर
कतरा-कतरा दिन रात लोग पी रहे हैं ज़हर

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2 APR 2020 AT 21:51

जिसे देखो वो ये कहता है
देखो सूर्य रोज अपने समय में निकलता है

मगर सूर्य तो हमेशा ही चमकता है
वो नहीं कभी निकलता या डूबता है

ये तो पृथ्वी की गति है जिससे रात और दिन होता है
जो हमें प्रकाश से अंधकार और अंधकार से प्रकाश में ले जाता है

ऐसे ही ये हम इंसानों की गति है जिससे प्रदूषण होता है
जो हमें शुद्ध से अशुद्ध और अशुद्ध से शुद्ध वातावरण में ले जाता है

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