एक शाम !!
मेरे नाम भी करना....
ज़्यादा कुछ नही ! दो पल !!
मेरे बारे मे सोचने की खता करना....
मेरी कोशिशों,, ख्वाइशों !!
थोड़ा उन पर गोर करना....
तुम सही मे मसरूफ थे !!
ज़रा ये सवाल खुद से करना....
मैं गुनहगार था या कैदी तेरा !!
इस पर विचार करना....
हो गयी जो रात ! तो सुनो !!
कितना माँगा है तुम्हे !!
ये सवाल उन टूटते सितारो से करना....
बिना दाग का चाँद बताया है तुम्हे !!
ये बात उस चाँद से पूछना....
हो सके !!
तो कुछ पल मेरे नाम करना....
!!!!
-