QUOTES ON #PKDPOET

#pkdpoet quotes

Trending | Latest
1 JUL 2019 AT 17:51

मेरी ख़ामोशी से मेरा एक सवाल ऐसा है
आँखों में आँसू हैं नहीं, ये मलाल ऐसा है

कोई फ़ुर्क़त पल रही दिल में क़ुर्बत बनी
तन्हाई से पूछा? उसका भी हाल ऐसा है

मेरा शहर ए सहरा, दरिया से गहरा हुआ
मैं साहिल प्यासा रहा, ये कमाल ऐसा है

बे-वज़ूद इश्क़ कामिल होगा भला कैसे
धड़कनों ने बुना मकड़ी सा जाल ऐसा है

कोई तीरगी सी बह रही है नसों में मिरी
अब कालिख़ का भी देखो जमाल ऐसा है

रौनकें घर में नज़र आती किसी 'लौ' सी
और जलता हुआ भीतर 'बवाल' ऐसा है

-


8 JUL 2019 AT 9:56

मुझे रास आए, महफ़िल में वो बात नहीं है
ये ज़िंदगी ख़ाक सी जो तू मेरे साथ नहीं है

मैं दिल जला हूँ, अपनों के फ़रेब देख- देख
यूँ दिल छूने भर की गैरों में औक़ात नहीं है

ऊँच- नीच, जात- पात महामारियाँ है बुरी
साफ़ मन से बढ़के दूजी कोई जात नहीं है

रात ज़ालिम है ख़ामोश मेरा सब्र देख कर
वरना मुझे डराए अँधेरों में औक़ात नहीं है

यूँ तो रोज़ सफ़र तय करता हूँ ज़िंदगी का
मग़र कुछ हासिल करूँ वे जज़्बात नहीं है

एक बवाल है, जो सीने में पल रहा है मेरे
वरना थामे मुझे, काँधे पर वो हाथ नहीं है

-


22 MAY 2019 AT 8:13

कोई पूछे तो रंजिश कहना,, कोई पूछे तो यारी
कोई पूछे हसरत क्या? कहना सीखी है अय्यारी

कोई पूछे तो बंदिश कहना, कोई पूछे तो हूँ नारी
कोई पूछे हसरत क्या? कहना उड़ना है इस बारी

कोई पूछे तो ख़लिश कहना,कोई पूछे तो आवारी
कोई पूछे हसरत क्या? कहना छोड़ी नहीं खुमारी

कोई पूछे तो तपिश कहना, कोई पूछे तो कटारी
कोई पूछे हसरत क्या? कहना जंग अभी है जारी

कोई पूछे तो कशिश कहना,कोई पूछे तो शिकारी
कोई पूछे हसरत क्या? कहना मर्द पे रही उधारी

कोई पूछे तो कोशिश कहना, कोई पूछे तो हारी
कोई पूछे हसरत क्या? कहना आज़ादी इस बारी

-


14 APR 2019 AT 13:52

तुम्हारे हिस्से की आज़ादी...


in caption

-


19 FEB 2019 AT 13:32

मेरे मरने का ग़म मुझे होता नहीं है
क्या करें ये मुआ दिल रोता नहीं है

रोज ही कुरेदता हूँ मैं ज़ख्म अपने
सिल दूँ तो साला दर्द होता नहीं है

दूर कहीं, फ़िर कोई, रूह तड़पी है
यूँ ही, ये दिल सबब खोता नहीं है

रोशनी ये मेरे घर मेहमान क्या हुई
अँधेरों का दर्द कोई पिरोता नहीं है

आलम ऐसा था कि बारिश हो गई
सड़कों के दाग़, कोई धोता नहीं है

हँस हँस के बहा देता हूँ आँसू सारे
जानकर पागल, कोई होता नहीं है

वो कहते हैं ये तसव्वुर है जानलेवा
कह दो, प्रेम में ये सब होता नहीं है

मिरी उल्फ़त का शिकारी, कौन वो
कांधे जो सर रखकर सोता नहीं है

सुनाता हूँ शे'र मैं, कलेजा चीर कर
कहते हैं सुख़नवर क्यूँ रोता नहीं है

'बवाल है' कहकर लौट जाते हैं सब
महफ़िल में सगा कोई होता नहीं है

-


13 JUL 2018 AT 7:12

रोक दो..
जो सुबह सुबह हौंसलों में तुम्हारे दम कम लगने लगे,
ऐसी सुबह का वक़्त रोक दो!

झोंक दो..
जो जलाई थी उम्मीद की लौ कल, आज में बुझने लगे,
ऐसे आज में ख़ुद को झोंक दो!

फूंक दो..
जो ख्वाहिशें और चाहतें ख़ुद को बोझ सी लगने लगे,
ऐसे फ़न की आग को फूंक दो!

हूँक दो..
जो धड़कनें ख़ुद की चलती हुई महसूस ना होने लगे,
ऐसे में दहाड़ भरी हूँक दो!

-


11 FEB 2019 AT 11:17

ख्वाहिशें कहाँ कम सी है
जितनी भी है, ग़म सी है

रग़बत हम पर ऐसी छाई
याद भी उसकी रम सी है

है वो मशग़ूल अज़ल तक
तग़ाफ़ुल लेती दम सी है

तीश्नगी-ए-उम्मीद ऐसी कि
हँसती आँखें भी नम सी है

अज़िय्यत ए हिज्र ए सब्र
देती बुलावा यम सी है

नदामत नहीं रखता कोई
'बवाल'गिरी ये बम सी है

-


12 APR 2019 AT 19:09

मैं भी चाहता हूँ भीड़ और वाह-वाही को उठते हाथ
जनाजे में मिरे 'राम नाम' नहीं, कुछ शे'र कहे जाएं!!

-


1 DEC 2018 AT 16:45

ख़ुद सुकूं भी कभी-कभी
सुन लेता है इनकी आवाज़
पाने को गहराईयाँ अपने वजूद की

इनके शब्दों से होते हैं शृंगारित
हर तरह के मनोभाव
और पाते हैं साकार रूप
इस ब्रह्मांड सा

और इनकी शख़्सियत
सहेजी जाती है हर दिल में
अनेकों रूप में

आज दिल कर रहा है नज़र
तमाम खुशियाँ इस जहां की
इस शख़्सियत को

-


26 SEP 2018 AT 7:46

#Waiting

एक अनंत सिलबट्टे पर
पीसती रहती हूँ
अपनी तमाम हसरतें

ख्वाहिशों का घोल बना
लगा देती हूँ छौंक
तन्हाई का

साथ में थोड़ी सी
तुम्हारी यादों की ताजी पत्तियाँ
बस....
तुम्हारी सौंधी महक में
फ़िर से महकने लगता है
मेरा इंतज़ार ए लबाबदार

-