ഭ്രാന്തൻ ചെക്കൻ..🌺 10 MAY 2020 AT 0:17 - ഭ്രാന്തൻ ചെക്കൻ..🌺 23 APR 2020 AT 18:25 - aankit Srivastava ankit 7 JAN 2018 AT 20:20 अब तो, उस गरीब के अनकहे एहसास भी पिघल गए ... जबसे नेताजी, उसके हिस्से की रोटी अकेले निगल गए... - aankit Srivastava ankit 29 JAN 2018 AT 20:53 हर रोज ,हर दिन ,खुदा को देखता हूं जगमगाते हुए आकाश में ..गरीबों के घर भी ,कभी बरकत होगी बस जीता हूं इसी विश्वास में.. - aankit Srivastava ankit 12 FEB 2018 AT 19:27 सारा जमाना कहता है ,मैंने खुद को कैद कर रखा है अकेलेपन के चार दीवारों में ....अब मैं उन्हें कैसे समझाऊं ,मुझे नही पसंद जीना इन झूठे रिश्तो के बाजारों में.... - aankit Srivastava ankit 26 MAY 2018 AT 22:50 हर मासूम के हाथों में ,किताबें अब नई हो.. उम्मीद करता हूं ,इस बार की ऐसी मई हो... - aankit Srivastava ankit 4 APR 2018 AT 20:47 न जाने कैसा यह जख्म, और कैसा यह निशान था.. जो भूख से मर रहा था,वह हमारे देश का किसान था.. - aankit Srivastava ankit 16 JUN 2018 AT 22:06 ना ही कोई मक्खन और ना ही कोई मलाई चाहिए..मॉं बीमार है साहब, मुझे तो बस थोड़ी दवाई चाहिए.. - aankit Srivastava ankit 17 FEB 2018 AT 18:47 किसी गरीब को देखकर ,मेरा मन कुछ इस तरह से छटपटाता है ....मानो जैसे कोई पंछी, बंद पिंजरे से उड़ने के लिए फड़फड़ाता है.... - aankit Srivastava ankit 19 MAY 2018 AT 19:54 खुद भूखा रहकर, हिफाजत करते हैं दूसरों की जान की..यही तो मीठी खुशबू है , इस पाक रमजान की.... -