तस्वीरें
हाँ वो लम्हों की याद दिलाती है,
पर उन्हे कभी मुकम्मल नही करने देती,
आखो में वो मंजर तो ले आती है,
पर उस मंजर में कभी खुद्को धून्डने नही देती,
यादों को पल्को पर तो ले आती है,
पर उन्हे कभी फिरसे जीने नही देती,
और अश्को को आखो तक तो ले आती है,
पर कभी खुलकर रोने नही देती...
-