मैं आज फिर तुमसे कह कर भी कुछ कह ना पाया..
कहने को तमाम बाते हैं हमारे पास..
नजाने क्या कशिश है तुम में ..
शायद इसलिए तुम हमारे लिए हो इतने खास..
डरते हैं तुम्हें खो ना दें..
तुम्हारी दोस्ती में कहीं रो ना दें..
दोस्ती है तो प्यार है..
प्यार के लिए ये ज़ीवन निसार है..
प्यार का इज़हार फिर कभी..
बस थोड़ा सा और इंतज़ार है..
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