मुझे मुझसा ना होने दो ,
मुझे खुद मै ही खोने दो ,
ये प्यार कि दुनिया नही जालिम ,
यहाँ नफरतो को ही पलने दो II
ना चाहुँ तुम्हे ना चाहुँ किसी और को
बस अपने मै रेहना चाहुँ रहने दो ,
जाओ तुम कर लो मोहब्बत ,
किसी और से कोई खफा नही ,
अब नफरतो को भी शेखर जरा पलने दो II
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