QUOTES ON #PEHCHAAN

#pehchaan quotes

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9 SEP 2020 AT 8:37

कोई नाम नहीं बेनाम हूॅं,
मैं शब्द नहीं पैगाम हूं।

बारिश की पहली बूंद नहीं,
मैं ढलने वाली शाम हूं।

( कविता अनुशीर्षक में )

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8 OCT 2020 AT 9:00

आज गुमनाम है जो पहचान
कल वो जरूर मिलेगी
यही तो ज़िन्दगी का उसूल है
यहाँ गुमनामी और पेहचान दोनों मिलेंगी

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8 MAY 2018 AT 20:16

जब से हमें अपने परायों की पहचान हो गयी
तन्हा ही रहता हूँ पूरी दुनिया वीरान हो गयी

हँसी के ठहाके गूँजा करते थे जिन गलियों में
अब हाल यूँ की सारी सड़कें सुनसान हो गयी

दिल की सुन उस ओर चल दिया करते थे कदम
ठोकरें जो लगी तो रूह से भी पहचान हो गयी

ख्वाहिशों का बचपना भी चंचल ना रहा अब
उम्मीदों की हकीकत कुछ यूँ जवान हो गयी

बिन झरोखों के उजाले की आस रखूँ कैसे
वो टूटी झोपड़ी मेरी पक्का मकान हो गयी

'मौन' रहकर अब जज्बातों की स्याही बनाता हूँ
हाल-ए-दिल खुद लिखती है कलम महान हो गयी

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25 SEP 2019 AT 21:38

दिल में गम, आंखों में नमी...
चेहरे पर उदासी, जिंदगी में कमी...
बेबसी रूह में और होठों पे मुस्कान...
जालिम, यही तो है,मोहब्बत में बर्बाद...
एक तरफा आशिक की पहचान...

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10 MAY 2021 AT 15:25

Bharam rakhta nahi koi mohobbat ka
Dard ki pehchaan ban jaate hain...!

Hamari muskurahat chhin kar
Hame bejaan kar jaate hain...!!!

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31 MAR 2020 AT 15:07

Aap tho mujhe paraaya hi samjho,
Lekin mujhe tho, isme bhi rishtha dikh
raha hai,
Aajkal ke zamaane mein, jitne bhi dekho,
Andikha cheez hi, zyaada bikraha hai,
Mein bikaav nahin, par har rishthey
nibhaatha aaya hoon,
Kuch rishthey door se, aur kuch nazdeek
se pehchaanta aaya hoon

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जान कर भी वो मुझे जान ना पाये....
आज तक वो मुझे पहचान ना पाये....
इसलिए खुद ही कर ली बेवफाई हमने....
ताकि उन पर कोई इल्जाम ना आ पाये.....

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फूलों से सभी प्यार करते है कभी काँटों को चाहा है?
ख़ुशी में सब हस्ते है कभी मायूसी में मुस्कराया है?
सूरज को दिए की क्या जरुरत है, कभी तारों के लिए दीप जलाया है?
उस चाँद का दीदार करते हो कभी सूरज से नज़रें मिलाया है?
बड़े बड़े महलों में क्या देखते हो, झुग्गी झोपड़ियों में भी लोग रहते है,
कभी उनसे दिल लगाया है?
लोगो को उनके रुतबे से जानते हो
कभी लोगो को उनके दिल से जान पाया है??


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20 JUL 2020 AT 20:49

मुझे अगर जानना है ,
मेरी कविताओं को पढ़ लेना।
थोड़ा बढ़ेंगें हम ,
थोड़ा आप भी बढ़ लेना।

- आचमन चित्रांशी

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