जूते की अभिलाषा
-----------------------
चाह नहीं मैं विश्व सुंदरी के पग में पहना जाउं
चाह नहीं दुल्हे के पग मे रह, साली को ललचाऊँ
चाह नहीं धनिकों के चरणों में, प्रयागराज के पथ पर संगम तक जाउं
चाह नहीं कालीन पर घूमूँ , भाग्य पर मैं इठलाऊँ
बस निकाल कर मुझे पैर से
उस मुह पर तुम देना फेक
जिस मुह से भी निकल रहें हों
भारत विरोधी शब्द अनेक
-