रविवार का दिन
जब हम मिलते हैं
मिलकर खिलते हैं
इस बेरंग दुनिया में
सप्ताह भर के भाग-दौड़
और कामों को भुलाकर
रविवार का दिन
जब सब अपनी-अपनी ओर से
सबको हंसाने का
अपना ढंग लेकर आते हैं
नए-पुराने किस्सों के
बहुत से रंग लेकर आते हैं
रविवार का दिन
जो मैं! चाहता हूं
आता रहे
दोस्तों के खिले-चेहरे
चेहरे पर उस दिन
दिखाई देती सचमुच की हंसी
आपस में हम सबका
बढ़ रहा प्यार
ऐसे ही बना रहे
रविवार का दिन
चला रहे
बनता रहे
खिलता रहे..
-