उसने उठाई ज़िम्मेदारियाँ परिवार भी पाला है अपने मासूम से दिल में क्या क्या सम्भाला है दिया है उसने अपनी उम्र से बढ़कर बहुत कुछ अपने आप को उसने जिस मुताबिक ढाला है देखो टटोलकर उसके दिल में भी तो ज़रा भीतर अँधियारा है घना लेकिन बाहर उजाला है ज़िम्मेदारियाँ का बोझ कहीं तोड़ न दे उसको छोटी सी उम्र में उसने क्या क्या देख डाला है देखी नहीं जाती अब उसकी भी ये हिम्मत भूख बहुत बड़ी है उसकी छोटा सा निवाला है