वादा करके भी पूरा न किया
इंतजार था कॉफी में उनका , पर वो तो कही और ही व्यस्त थे....
हम बे वजह ही परेशान हो रहे थे, वो तो किसी और से कॉफी में मिलने जाने के लिए तैयार हो रहे थे.....
नासमझ थे हम
समझ ही न पाए उनके इस "सतरंज" के खेल को
खुद को समझ बैठे "रानी" उनकी, पर वो तो अपनी किसी और रानी से मिलने जा रहे थे....
खैर.....!! हम थे माफ़ कर दिया उनको, उनकी इस गलती पर....
पर वो तो खुद को "जज" समझ
हमको सज़ा पे सज़ा सुनाए जा रहे थे.....
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