शहादत पे तेरी शीश झुका कर देश यह प्रणाम करता है , तेरी वीरता की आज यह जय जयकार करता है। तेरे इस बलिदान पे यह फक्र ए गुमान करता है । वादा है तुझसे नही जीने देंगे उन दरिंदों को , देश का हर युवा अपने खून को भारत माँ के नाम करता है।
कसमें तुम तोड़ दो ,राहें हम मोड़ ले ख़ुद को तुम सोच लो खुद को मैं ढूंढ़ लूँ मिलना क़िस्मत में अपने था ही नही थोड़ा तुम कोस लो तोड़ा हम कोस ले नज़र भर के तुझे देखा हमने कभी उस नज़ारे को लो कैद कर लूँ अभी करते रहते थे जो तुमसे बातें सभी मौन के अक्षरों में गढ़ ली सभी दीप तुम जला लो मैं दिल जला लूँ रोशनी तुम रखो अँधेरा मैं चखु जेहन से मिटा दो पुराने लम्हे सभी मैं तो पंछी कोई उड़ जाऊंगा कहीं कसमें तुम तोड़ दो राहें हम मोड़ ले हाथ से हाथ छुड़ाकर के यूँ साथ तुम छोड़ दो डोर हम तोड़ दे
तेरे दीदार का दीवाना मैं ही तो हूँ ख़ामोश लबों की हँसी मैं ही तो हूँ कब तक रोकोगे खुद को ईश्क़ करने से रात की नींदे दिन का चैन चुराने वाला मैं ही तो हूँ ।
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