पापा आपके आँगन में खेलते हुए,
पता नहीं आपकी ये बेटी कब बड़ी हो गई,,
जिस घर में पली थी, अाज उसी घर में पराई हो गई,
पापा पता नहीं कब आपकी ये बेटी दूसरे के घर की बहु हो गई,
आपकोे याद तो बहुत करती हूँ, पर कहना भूल गयी हूंँ
पापा ना जाने क्यूँ आपकी फिर से ऊँगली पकड़ने का मन करता है,
पर अब मैं आपकी ऊँगली पकड़ना भूल गई हूँ,
क्योकि अब मैं आपके द्वारा पकड़ाए गए हाथ को पकड़ना सीख गई हूं
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