एहसासों के कागज़ पर मैं,क्यूँ ना तुमपे गीत लिखूँ ,
भावों के बहते सरगम में,मैं तुमको संगीत लिखूँ..
रिश्ता कैसा अजब है अपना,
पर तुमको भी प्यारा है..
भाई बहन के बंधन में हम,
एक संसार हमारा है..
शब्दों से उमड़े आँगन में,मैं तुमको मनमीत लिखूँ ,
एहसासों के कागज़ पर मैं,क्यूँ ना तुमपे गीत लिखूँ..
कैसे लिख दूँ तेरी आँखे,
मेरी आँखों से प्यारी है..
चंचलता की माला पहने,
ऐसी छवि तुम्हारी है..
नोक-झोंक के हर मौके में,मैं तेरी ही जीत लिखूँ ,
एहसासों के कागज़ पर मैं,क्यूँ ना तुमपे गीत लिखूँ..
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