आँखों ने देखे हैं ख़्वाब तुम्हारे,
पलकों में सजा रहे सपनें तुम्हारे।
तुम्हे पाने की चाहत तो अब रही नहीं,
बस आँखों मे दिख जाए झलक तुम्हारे।
मेरे आँखों मे किसी और के नाम की काजल नहीं,
इसे लगना है सिर्फ़ नाम तुम्हारे।
आँखों से बरसने लगें आँसू पानी बनके,
हर पल इन्हें सताती हैं,याद तुम्हारे।
आँखों के पलके तुम्हें हमेशा झुकी हुई मिले,
पलकें भी उस दिन उठें जब सामने पाए तुम्हे हमारे।
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