कैद कर लो बालों को जूड़े की गिरफ्त में
लहरायेगी जल्फें, हवा जवाब माँगेगा |
हया भी पानी पानी है, हया से इस कदर
सड़का जो गर पल्लू, हया हिजाब माँगेगा |
हैवानियत ही नहीं, कुछ शराफ़त भी हैं जहाँ में
"मनीष" की आँखे तेरे चेहरे पर नकाब माँगेगा |
छूप के बैठा है कबसे, बन के वो हुश्न तेरा
आसमां देखा रहा हैं वो अपना माहताब माँगेगा
रोक लेता हूँ कदमों को, कि बहक ना जाए
मय गले से गर उतरा, दिल शबाब माँगेगा |
उतरता नहीं गजल कोई, दर्द खो दिया कलम ने
वक्त आ गया कलम अपना अजाब माँगेगा |
मत परोस दर्द को शायरी, गजल, कविता में
अए मनीष ! गर दिल भड़का फिर हिसाब माँगेगा |
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