तुम्हे देखने मात्र से मन तृप्त हो गए,
ये सर्द मौसम में ना जाने कहां से बाहर हो गए।।
और जो पलके उठा के हलकी मुसकान से झांका तुमने आंखो में
जानेमन हम तो आपके सदा के लिए गुलाम हो गए।।
अपनी नटखट अदाओं से जिया जलाए हुए हो,
खा मा खा शर्मा के अब तो जान भी आप ले गए।।
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