"काश, तुम यह जानतें
कि इंतजार किस बात का था 'मेरा'
जो तुमने मुझे ही ग़लत समझा!
व दूरी स्थापित कर
हरदमा मुझे ही 'नीचा बताया'
और अफसोस के साथ साथ
मुझे 'मुझसे' ही दूर कराया
व तुमसे जुड़ी हर बात पे पर्दा गिराया... काश, तुम यह जान पाते
और मेरी किरदारी में
एक 'पात्र' बन जाते
हिस्सेदार बन
जन्मांतर मेरा खुमार बन जाते
काश, तुम यह जान पाते
और भावनाओं के अभाव को
संपूर्ण कर पातें,
इंतजार किस बात का था मेरा
इन बात को समझ पाते
काश, तुम यह जान पाते।"
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