सादगी भरी जिंदगी है ,
ना मेरी अब कोई फरमाइशें नहीं हैं...
यू तो हसी बनी रहती है लबों पर ,
पर अब खिल खिलाकर हसने की गुंजाईश नहीं हैं....
खुद को समझने में ही इतने मसरूफ हैं ,
के किसी के लिए कोई समझाइश नहीं हैं...
दर्द देकर जिंदगी ने ऐसा पाठ पढ़ाया है,
के अब शिकायतें होकर भी किसी से शिकायतें नहीं हैं...
खुद से इतनी मोहब्बत है हमे ,
के किसी और से इश्क की ख्वाहिश नहीं हैं...
जो पूरी ना हो पाए
एसी कोई फरमाइशें नहीं हैं...
Tanu
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