Omkar Nailwal 30 JUL 2020 AT 14:45 मैं धर्म की बेड़ी पहनूँ नाक्या धर्म मेरा क्या जात भलाइंसान हूं मैं मुझे क्या परवाह नेता तो नहीं जो धर्म बड़ा.. - Omkar Nailwal 9 APR 2020 AT 19:40 सड़कों पर सन्नाटा, जीवन में शोर है असाधारण सा वक़्त, परिवर्तन के मोड़ हैधर्म और नुस्खों के उलझन में लिपटी हुई, मदारी के खेल में, जनता विभोर है - Omkar Nailwal 1 DEC 2020 AT 22:12 विचारों का तनाव टूटता तो नहींपर तोड़ जरूर देता है.. - Omkar Nailwal 14 JUL 2020 AT 12:58 राजनीति की महफिलों में, अक्सर धर्म का जनाज़ा निकला करता है.. - Omkar Nailwal 11 JUN 2020 AT 22:19 गिरती उम्मीद की सरकार में,डर ही नहीं ख्वाबों में अंधेरा भी है, अफ़सोस के बढ़ते रुझान मेंएक मत मेरा भी है... - Omkar Nailwal 27 SEP 2020 AT 16:13 शहर, शहर तुम घूम लो, सुकून की तलाश में,क्या पास में, क्या खास है, समझ सको तो बात है, ये सवालिया बवाल जो, उठा रहा सम्भाल लो,हंसते, खाते जी रहे, फिर दिखते क्यूँ उदास हो... - Omkar Nailwal 3 JAN 2021 AT 13:52 बस नम आंखे लेकर सो जाते हैंहम बड़े होते हैं और रोना भूल जाते हैं.. - Omkar Nailwal 10 SEP 2020 AT 12:18 कुछ तो विडंबना है कहींबाहर के शोर से बेचैनी है, और भीतर पूरा समागम चल रहा है.. - Omkar Nailwal 6 SEP 2020 AT 1:00 जो समझ में आ जाए, वो बात हैबाकी सब फिजूल की बारात है - Omkar Nailwal 12 JUN 2020 AT 19:02 गुज़रते पेड़ों ने बचपन से पूछा है, फोन पर उंगली चलने लगी है खिड़की से बाहर हाथ लहराता नहीं सफर में हो या suffer में हो? -