QUOTES ON #OMKARBHASKAR

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8 FEB 2019 AT 9:43

ज़िक्र तेरे गुलाब का आया जब भी मेरे होंठ पर,
हर मर्तबा ला छोड़ा तेरे तिल-ए-रूखसार की ओट पर।

जिसे समझता रहा कातिल मै अपनी हसरतों का,
इक वही शख्स मरहम बना मेरी हर एक चोट पर।

क्या हुई खता मुझसे, क्यों है गिला उसे मुझसे?
क्या वो भी है खफा आज मेरी किसी खोट पर?

आज फिर सारे ज़ख्म नासूर बन चुभ रहे है दिल में,
आया नहीं आज वो शख्स बनने मरहम मेरी चोट पर।

शायद सलीका ही नहीं आता मुझे रिश्ते निभाने का,
एक - एक कर जा रहे है सब अपने मुझे छोड़ कर।

जब ज़हेन में ही बैठ गया हो दानव भ्रष्टाचार का,
तो क्या होगा बिठाकर गांधी को किसी और नोट पर।

कुछ हैं जो सियासत में ख़ुद को राजा समझ लेते हैं,
भूल जाते हैं, यहाँ राजा भी बनते हैं रंक इक वोट पर।

औलादें जिन्होंने निकाल दिया अपने मांँ बाप को घर से,
शायद भूल गये, पाला है उन्होंने कई खुशियों का गला घोंटकर।

खाई थी कसमें कभी सच्चाई की हिफाजत करने की,
पड़ गये है दाग कई खून के आज उस काले कोट पर।

इक अलग सी खुशी मिल रही है आज-कल मुझे,
शायद अच्छा ही किया तेरी रुसवाईयों का गला घोंटकर।

मोहब्बत और शोहरत का गुरूर जब चढ़ा मुझ पर,
मेरा वजूद, मेरा जमीर सब कुछ आ गया रोड पर।

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10 JAN 2019 AT 14:49

टेढ़े मेढे़ रास्तों पर,
यादों के दस्तों पर,
जिंदगी चल रही है,
अब काम की किस्तों पर।
व्यस्तता का ऐसा दौर चला,
वक्त ही नहीं है अपनों के लिए,
पर गई है धूल अब रिश्तों पर।
मुड़कर देखूँ जो कभी जिंदगी को,
मिले थे जो खुशी के पल,
वो थे उन्हीं पुराने बस्तों पर।

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17 JAN 2021 AT 23:33

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20 DEC 2018 AT 22:44

ऐ यार मेरी ज़िंदगी में आने का शुक्रिया,
खूबसूरत मेरे हर पल को बनाने का शुक्रिया।
मैं डर गयी थी देखकर काँटों भरी ये राह,
हर एक क़दम पे साथ निभाने का शुक्रिया।

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1 FEB 2019 AT 10:20

कितने प्यारे फूल खिले है,
अंजाम अपना भूल, खिले हैं।

हैरान मेरी हर कामयाबी पर,
रकीबों के भी होठ सिले है।

अब न बिछड़ेगे हम कभी,
उलझनों से ये दिल मिले है।

नजरों में है हया-ए-मोहब्बत,
शायद रुह से रुह मिले है।

अपनों ने दिया धोखा जब-जब,
कुछ पराये हमराही साथ चले है।

नहीं शौक कि कोई शायर कहे,
हम तो मियाँ बस दिलजले है।

अल्लाह की इनायत है मुझ पर,
बाजार-ए-नफरत में नहीं घुले है।

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11 NOV 2018 AT 21:12

सफर न खत्म हो ये कभी... तेरे मेरे इश्क का...
न मैं थकूं, न तू थके कभी... इन राहों पर यूं ही चलते-चलते...

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11 NOV 2018 AT 0:28

A backspace ...
& Now it's only guilt, regret, & backspaces left between ...
But sometimes, somewhere, in small corner of heart a hope lights like a candle in the dark night...
That one day ,at one such moment, there is only us & no one between...

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31 OCT 2018 AT 1:21

उसकी यादों में आज भी बसर करता हूं...
हूं एक तन्हा मुसाफ़िर मैं, आज भी सिर्फ उसके ख्वाबों का सफर करता हूं...
छोड़ गया जो बीच राह में मुझे वो हमसफ़र मेरा...
उसके झूठे जज़्बातों की आज भी कदर करता हूं...
उसकी यादों में आज भी बसर करता हूं...
दिल से तो निकाल दिया है उस पत्थर दिल को...
पर ज़ेहन में आज भी उसी का ख्याल है...
शायद इसीलिए अपनी हर नज़्म में उसी का जिक्र करता हूं...
यूं तो चांदनी रात में रकीब का साथ बहुत अज़ीज़ है उसे...
पर यकीन मानिए मैं आज भी इस भ्रम में हूं ,
कि सिर्फ मैं ही उसकी फिक्र करता हूं...
उसकी यादों में आज भी बसर करता हूं...
वैसे तो उसने निभाई नहीं कभी वफ़ा अपनी...
पर कोशिश जो करता हूं लिखने की उसे बेवफा...
न जाने क्यों ऐसा लगता है मैं ग़लत करता हूं...
उसकी यादों में आज भी बसर करता हूं...
हूं एक तन्हा मुसाफ़िर मैं, आज भी सिर्फ उसके ख्वाबों का सफर करता हूं...

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21 OCT 2018 AT 0:28

मैं लड़ता-झगड़ता हूं तुमसे...
कभी कभी डरता भी हूं तुमसे...
कुछ सच्ची और कुछ झूठी नाराज़गी दिखाकर, कई बार बात भी नहीं करता तुमसे...
दर्द तो बहुत होता है पर कई बार मुलाकात भी नहीं कर पाता तुमसे...
पर मैं तुम्हें तन्हा छोड़ दूं...
ऐसा कभी सोच भी न पाया मैं...
इसीलिए बेफिक्र रहो ...
और भरोसा करो मेरी आवाज़-ए-रुह का...
जो चीख-चीख कर कह रही है...
मैं मोहब्बत भी करता हूं तो सिर्फ तुमसे... सिर्फ तुमसे... और सिर्फ तुमसे...

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3 FEB 2019 AT 12:34

सुबह का ये हसीन मंजर तो देखो,
क्यों नहीं यहां शामों का डर तो देखो?

बैरी जो लगते है तुम्हें बाकी दुनिया वाले,
कभी आस्तीन में छिपा खंजर तो देखो।

औरों का हमदर्द जो बने फिरते हो हमेशा,
वालिदन की आँखों का समंदर तो देखो।

आज यहाँ कोई परिंदा भी नज़र नहीं आता,
इक खुशहाल बस्ती क्यों हुई बंजर तो देखो।

तलाश-ए-मंजिल पे निकला फिर इक मुसाफिर,
कैसा रह गया आज अकेला उसका घर तो देखो।

तकलीफों के साये में भी मुस्कुरा रहा इक गरीब,
उसकी खुशियों और ख्वाहिशों का ज़र तो देखो।

इक खलिश सी नजर आती है अब उस दिल से,
बिन मेरे कैसा दिखता होगा उसका दर तो देखो।

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