शाख से टूटे हुए सूखे पत्तों सा था वज़ूद हमारा और कहिं से कोई आया हल्की हवा के झोके की तरह और समेट कर ले गया बड़े प्यार से हमें..... तब कुछ ऐसा लगा जैसे सूखे पत्तों में फ़िर से जान आ गयी हो लेकिन क्या मालूम था हमें वही हवा का झोका हमें ईस क्द्र प्यार से जलायेगा कि हम एक ही पल में राख बन जाएंगे और हमारा सूखे पत्तों वाला वज़ूद भी खाक हो जाएगा!!! 😨😭😭
........meenakshi kapoor.....
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