आंसुओं से भरी आंखों में मेरी
वो खुशियों के सौ रंग भरने वाली
बेहिसाब है मेरे ख्वाबों में यार वो
आहिस्ता से आकर शरमाने वाली
उजड़ गया उदासियों का वो शहर
ढाता रहा मुद्दतों जो मुझपे कहर
हर राह मुश्किल आसान हो गई
मुस्कराई जब साथ चलने वाली
उसकी आंखों के खुशनुमा चिराग
मिटा देते हैं तीरगी ए हयात यूं भी
उसकी मौजूदगी ख़ुदा की रहमत
कोई आंधी नहीं मुझे बुझाने वाली
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