swati sagar 9 AUG 2021 AT 9:48 मंज़िल की तलाश मुझे कुछ इस कदर होने लगी,दर -दर की ठोकर भी अब मै कम खाने लगी। - Rishi Kushwaha 🖋️ 15 SEP 2020 AT 9:27 खोया रहता हूं अपने आप मेंलोग कहते खुदगर्ज हो रहे है हम।और है समझते मुझे पागल और आवारा अरे जनाब रोक ले कोई अलग दुनिया के हो रहे है हम । - .... 25 APR 2019 AT 22:47 तू बस चलता जा ए मुसाफ़िरख़्वाब भी हकीकत में बदलेंगे ,थोड़ा सब्र रख। - Vinod Nagar 5 NOV 2019 AT 21:39 सदा मुस्कराते रहो, गीत गुनगुनाते रहोइस रंगीन दुनिया में, खुशी के दीप जला ते रहो।रोज शुरू ओर रोज ख़त्मइस तरह कहानी अपनी लिखते रहो - Kapil Gupta 27 APR 2018 AT 23:22 मुसाफिर हूं मैं बंजारा, मुझे मंजिल न भाती है कदम हैं ये आवारा, मेरी राहों से यारी हैइसकी फिकर नहीं, कि पहुंचूंगा मैं कहांबेघर मैं राही हूं, मेरा घर ये दुनिया सारी है - Ayesha Amaarah 3 SEP 2020 AT 16:01 Musafir Bann Gaye Hain Unki Raah Ke Phir Bhi Puchte Hain Theekana Kaha Hain Es Dil Ka - samreen jhan seyyed 5 MAR 2020 AT 20:11 Papa hmesha kha krty hai...Dost train k musafir jaise hoty haiM hi nasmjh thi....Smjh hi nhi pai.. - Swati Gupta 18 JAN 2019 AT 13:44 Haasil ho sukoon tujheYe khuda bhi nahi chahegaTu bechain hokar hi kafirManzil tak pahuch payega - kuldeep singh rathore 2 MAR 2020 AT 16:01 रूकती-चलती जिदंगी के कुछ पल जीना चाहता हुँहाँ मे उस आफताब को छुना चाहता हुँ!!जो पल मेरे अतीत पर काले धब्बे बन चुके हैहाँ मे उन पलो को खोना चाहता हुँ!!यादो के गहरे गलियारों से गुजर चुका हुँअब बस एक सुनहरी याद होना चाहता हुँ!!पढकर मुझे कोई मायुस ना होहाँ मे उस किताब का अाखिरी पन्ना होना चाहता हुँ!!थक चुका हुँ चलते चलते सफर में हाँ अब नींद का मुसाफिर होना चाहता हुँ!!हाँ मे कुछ पल जीना चाहता हुँ!! - Abhishek Gaurav 9 MAY 2018 AT 22:26 महकती है किसी की याद दिल मेंफफकता है ज़िगर फ़िर से उसी के करीब जाने में। -