वो ज़िस्म का भुखा मोहब्बत के लिबास में मिला था पहचानती कैसे उसे चेहरे पर चेहरा लगा कर मिला था ❤💕(💕Read full in Caption💕)💕❤ ...............वो आखरी वार मुझे बिस्तर पर मिला था
आँखों से पिलाती है वो हर रोज़ मुझे पर एक हसरत उसके होंठो से पीने की है यूँ तो सौप रखा है उसने खुद को मेरे हवाले, मगर दिल की ख्वाहिश पहले उसकी मांग भरने की है