QUOTES ON #MULQ

#mulq quotes

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7 APR 2020 AT 21:31

ठहर जाओ कुछ वक़्त और...
उस वक़्त के लिए,
वो ख़ुशियों की गूंज भी होगी,
जगमगाता शहर का मंज़र भी होगा।

पाला है जिन पुराने दरख़्तों ने..
हमें अपनी छाव में,
उनकी ख़ुशी,उनकी सेहत का,
और भी ख़्याल रखना होगा।

शुक़्रगुज़ार हो उन हाथों के..
रूके नहीं जो हमें महफ़ूज़ रखने को,
निभाकर फर्ज़ ज़िम्मेदारी से,
साथ मिलकर हमें लड़ना होगा।

समझदारी से बनाए गए..
कायदे और उसूलों पर चलें,
अपने मुल्क़ को हमें ही,
इस परेशानी से निकालना होगा।

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12 DEC 2019 AT 4:52

हमारी उल्फ़तें मुल्क़ को हमारा तोहफ़ा हैं ,
तुम इल्ज़ाम चाहे कितने भी ग़द्दारी के लगाओ,
तुम्हारी एक उंगली हमारी तरफ़ जो उठती है,
भूल क्यों जाते हो बाकियों का इशारा किधर रहता है,
हमको हमारे मुल्क़ से निकालते जो हो,
क़त्ल रोज़ ब रोज़ जम्हूरियत का और कितना करवाओगे!!

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3 OCT 2022 AT 11:25

ज़ुल्म मिटाने को भले ही कुर्बान हो जाये रक्त तन का
एक नया सवेरा लिए हर मुल्क़ में शांति आनी चाहिए।।

अहिंसा का रूप लेकर स्याही में अति उबाल आ जाये
हर दौर बदले इस कलम से भी क्रान्ति आनी चाहिए।।

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19 DEC 2020 AT 15:41

Mahez kisi mulq ka badshah banjane se ye nhi ki wo mahir ho ghar chalane me..
Gaurtalab...
Faqat Kanni pakd lene se koi mistri
Mahal bna de ye zumla achha nhi lgta...😃

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17 MAY 2020 AT 23:42

4.0

सफेदी मौसम में तो आ गयी है लेकिन
मेरे मुल्क़ का माहौल अभी भी धुंधला है

Safedi Mausam Me To Aa Gayi Hai Lekin
Mere Mulq Ka Mahaul Abhi Bhi Dhundhlaa Hai

© सुहैल अनवर

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15 APR 2020 AT 20:12

Jahan agni ko ag kehte hain
Jahan jal ko pani kehte hain
Jahan darti ko zameen kehte hain
Jahan hindu nahi muslman rehte hain
Aise mulq ko Pakistan kehte hain

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23 DEC 2018 AT 20:16

Gandhi tere mulq me dekh aaj kya ho raha,
Ahimsa ka sabaq tera samadhi le raha.
Lootati huyi bachiyo ki asmat pe so jate hai,
Lekin Gaye k marne me shahro ko jalaate hai.
Dharm k naam pe rajneeti ye bantne wale log,
Marte hai dango me dud-munhe bache bhi hindu k muslim k koi na karta shog.
Gandhi tere mulq me dekh kya se kya ho gaya...

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19 DEC 2019 AT 9:05

सच है कि इन
नफरतों के लिए
राजनीति ही जिम्मेदार है,
मगर सबसे ज्यादा तो
ख़ुदग़र्ज़ कलम जिम्मेदार है,
वो झोंक रहे जवानी आग में
हम समझ रहे वो ही
अब इस मुल्क के लम्बरदार हैं।

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8 SEP 2021 AT 13:45

शक़ की गुंजाइश हर शख़्स पर नहीं होती
कुछ होते ही ऐसे हैं जो नमाज़ तो अता करते हैं
पर नमाज़ का कर्ज़ अता करना भूल जाते हैं

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21 DEC 2019 AT 21:08

सियासी पायदान कमज़ोर से लगते है
ऐसा तो नहीं था मेरे मुल्क का नक्शा

मैंनें बचपन मे सुना था बुजूर्गों से अपने
मुल्क है मेरा सोने की चिड़िया

पर अब कहाँ है सोना और कहाँ है चिड़िया
लगता है जैसे बेच खाया मेरे मुल्क का नक्शा

मेरी कलम से...
suhailanwar911@gmail.com

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