QUOTES ON #MRGTALES

#mrgtales quotes

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14 JAN 2018 AT 2:12

...आवेश दिल्ली में बिल्कुल नया था,
नया नया ही उसने ऑफिस जाना शुरू किया था | अनुशाषित तो वो था ही,
पर ऑफिस के तौर तरीके से ज्यादा वाकिफ नहीं था |
उसका मानना था की उसे जिंदगी भर नौकरी नहीं करनी है
और न ही उसे बॉस के किसी भी तरह से प्रमोशन, बोनस इत्यादि का कोई मोह था |
रोज अपने समय से ऑफिस जाना और समय पर लौट आना उसका नियम सा बन गया था |
पर ऑफिस में "तारिका" भी आती थी, उसका भी ज्यादा अनुभव नहीं था,
किन्तु वहाँ के सभी स्टाफ से उसकी खूब जमती थी
सभी उसके पीछे लट्टू रहते थे और उसकी हाँ में हाँ मिलाते रहते थे
आवेश का यूँ चुपचाप रहना उसे बहुत खलता था
वो चाहती थी, की सभी की तरह आवेश भी उसके पीछे रहे
पर वो उसकी तरफ देखता भी नहीं था, यह बात उसे बहुत सताती थी |
उसका रोज-रोज का नया'नया सा गेट-अप भी आवेश को आकर्षित नहीं कर पा रही थी |
फिर अचानक से एक दिन उसका धैर्य जवाब दे गया और आकर उलझ गयी वो आवेश से
"आखिर तुम समझते क्या हो अपने आप को ? किस बात का ऐटिटूड है तुममे ?
तुम्हारे जैसे कितने मेरे पीछे घूमते हैं ..और अनगिनत सवाल किये जा रही थी ...
और बेचारा आवेश अब भी हतप्रभ उसकी लाल पिली आँखे देख रहा था,
उसके पटपटाते होठ देख रहा था |
सोच रहा था आखिर ऐसा क्या किया उसने ...?

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16 JAN 2018 AT 0:37

भानु ओ भानु ..
जाते वक्त कमला के घर होते जाना
देखना कहीं बीमार तो नहीं, काम पे नहीं आती आजकल, कहना माँ ने बुलवाया है |
अपने बेटे भानु को बाहर जाते हुए देख लीला देवी ने कहा था !
आज एक सप्ताह होने को आये थे, पिछले शनिवार की बात थी, लीला देवी घर पर नहीं थी |
कमला जो उनकी बाई थी, भड़ी जवानी में ही विधवा हो चुकी थी ऊपर से 6 महीने का नवजात,
बहुत मुश्किलों से लोगों के घर काम करके गुजारा कर पा रही थी
उस सुबह हर दिन की तरह काम पे आयी थी,
और अपने काम में व्यस्त हो गयी थी,
फिर वो भविष्य के कठोर सत्य से अनभिज्ञ भानु के कमरे में पोछा लगाने पहुँची,
भानु, जो कई दिनों से अपनी लालची नजरों से कमला को ताड़ रहा था,
आज उसे मौका मिल गया था उसने कमला को दबोच लिया था,
बड़े फौलादी किस्म के बाजू थे उसके,
और कमला कमजोर पंछी की तरह बस छटपटा रही थी,
उसकी आबरू को उसके दीवारों में चुनवा दिया गया था और
उसकी चीखें उस दीवारों से टकरा-टकरा कर दम तोड़ चुकी थी
भानु ने कुछ पैसे देते हुए कहा की जब जरूरत हो और मांग लेना पर अपनी जुबान मत खोलना |
कमला जा चूकी थी दुबारा न लौट आने के लिए |
...."ठीक है माँ कह दूंगा" भानु भिनभिनाते हुए घर से निकल गया
माँ को क्या पता था की कमला अब यहाँ नहीं आएगी !!

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21 SEP 2018 AT 8:34

कहानी....

मन्नत ।

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