#400th !!
एक बात ज़ो आजतक समझ पाई नही,
ज़िन्दगी ने भी बतलायी नही.
बार बार टूट कर जीतना होगा,
कभी कभी हिम्मत खो कर भी लड़ना होगा.
चाहो ना चाहो वक्त तो अपना गुमान दिखाएगा,
पर रूकना मत ना झुकना ही काम आएगा.
ये आँधिया सभी के वजूद का हिस्सा हैं,
मुसीबते तो इस माशरुफ ज़िन्दगी का हिस्सा हैं.
चेहरा अलग, नाम अलग और फितरत अजीब,
इनसे भी राबता तुम्हे लाएगा खुद के ही करीब.
छोड़ मत देना अंधेरो में साथ अपना,
क्योंकी तुम्हारा अक्स बस तुम्हे ही ढूँदेगा एक बार फिर जीने को हर टूटा हुआ सपना..!!
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